साबिर पाक की विरासत
हमारी सोसाइटी कलियार शरीफ, रुड़की के हज़रत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर (साबिर पाक) की पाक विरासत पर बनी है। 14 साल तक, उन्होंने अपने मामू की लंगर में बेलौस खिदमत की, भूखों को खाना खिलाया बिना कभी खुद खाए - सिर्फ़ गूलर के फल पर गुज़ारा किया।
उनके बेमिसाल सब्र और लगन ने उन्हें "साबिर" - बहुत ज़्यादा सब्र करने वाला का लक़ब दिलाया। हम जात, मज़हब या फ़िरके की परवाह किए बग़ैर सबकी खिदमत की इस पाक रिवायत को आगे बढ़ा रहे हैं।
हमारी कहानी जानेंहमारा मिशन
बेलौस खिदमत की पाक रिवायत को जारी रखते हुए, हम कई तरह की पहलों के ज़रिए इंसानियत की खिदमत करते हैं जो समाज को आगे बढ़ाती हैं।
लंगर - खाना बाँटना
हज़रत साबिर पाक की पाक रिवायत पर चलते हुए, हम जात, मज़हब या फ़िरका देखे बिना भूखों को खाना खिलाते हैं।
सर्दी में राहत
कड़ाके की ठंड में ग़रीबों की हिफ़ाज़त के लिए कंबल और गर्म कपड़े बाँटना।
पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप
क़ाबिल बच्चों को स्कॉलरशिप देना जिनके पास पढ़ाई के लिए पैसे नहीं हैं।
नौजवानों को आगे बढ़ाना
नौजवानों को छोटे बिज़नेस शुरू करने और गाइडेंस व मदद के ज़रिए अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करना।
हुनर सिखाना
लोगों को इज़्ज़त से कमाने और अपने परिवार की मदद करने के लिए काम के हुनर सिखाना।
दीनी इदारों के लिए टेक्नोलॉजी
मस्जिदों और दीनी इदारों के काम को आसान बनाने के लिए टेक्नोलॉजी सोल्यूशंस बनाना।
दुनिया का सबसे साफ़-सुथरा दान प्लेटफ़ॉर्म
हम एक नया दान प्लेटफ़ॉर्म बना रहे हैं जो चैरिटी में पूरी साफ़-सुथराई लाएगा। दान देने वाले देख सकेंगे कि उनका पैसा कैसे इस्तेमाल होता है, और ज़रूरतमंद सही तरीके से अर्ज़ी दे सकते हैं।
विरासत को आगे बढ़ाने में हमारे साथ जुड़ें
सदियों पुरानी बेलौस खिदमत की रिवायत में शामिल हों। मिलकर, हम बिना किसी फ़र्क़ के इंसानियत की खिदमत की पाक रिवायत को जारी रख सकते हैं।
रब्ता करें
कोई सवाल है या हमारे काम के बारे में जानना चाहते हैं? हमें बताइए।
संपर्क करें