स्विफ्ट सोसाइटी के बारे में
Sabri Welfare Initiative for Fostering Transformation - बेलौस खिदमत की पाक विरासत को आगे बढ़ाते हुए।
हज़रत साबिर पाक की पाक विरासत
स्विफ्ट सोसाइटी एक अज़ीम बुज़ुर्ग की पाक विरासत पर बनी है जिनकी पूरी ज़िंदगी इंसानियत की बेलौस खिदमत का नमूना थी।
बेलौस खिदमत की कहानी
14 साल तक, हज़रत साबिर पाक ने अपने मामू (बाबा फरीदुद्दीन गंजशकर) की लंगर में खिदमत की, भूखों को खाना खिलाने में अपने आप को पूरी तरह लगा दिया।
एक हैरान कर देने वाली बात यह है कि उन्होंने कभी वह खाना नहीं खाया जो उन्होंने दूसरों के लिए बनाया - सिर्फ गूलर के फल खाकर गुज़ारा किया जो उन्हें मिल जाते थे।
उन्होंने हर आने वाले की खिदमत की - बिना कभी उनकी जात, मज़हब या फ़िरका देखे। उनके लिए, हर भूखा इंसान ख़ुदा का मेहमान था, जो देखभाल और खाने का हक़दार था।
"साबिर" का मतलब
उनके बेमिसाल सब्र, लगन और बेलौस खिदमत ने उन्हें "साबिर" का लक़ब दिलाया - जिसका मतलब है "बहुत ज़्यादा सब्र करने वाला"।
इंसानियत की खिदमत में बेपनाह सब्र की यह ख़ूबी उनकी पहचान बन गई और उनकी रूहानी विरासत की बुनियाद।
आज, लाखों लोग कलियार शरीफ में उनकी दरगाह पर दुआ और बरकत लेने आते हैं और लंगर की जारी रिवायत का तजुर्बा करते हैं जो आज भी रोज़ाना हज़ारों को खाना खिलाती है - उनकी अमर विरासत की ज़िंदा मिसाल।
हमारा मिशन
हज़रत साबिर पाक की मिसाल से मुतासिर होकर, हमने अपने आप को हर मुमकिन तरीके से इंसानियत की खिदमत के लिए वक़्फ़ कर दिया है।
बिना फ़र्क़ के खिदमत
पाक रिवायत को मानते हुए, हम सबकी खिदमत करते हैं - उनकी जात, मज़हब, फ़िरका या पस-मंज़र की परवाह किए बग़ैर। हर ज़रूरतमंद इंसान हमदर्दी और मदद का हक़दार है।
समाज को मज़बूत बनाना
फ़ौरी राहत के अलावा, हम तालीम, हुनर सिखाने और नौजवानों के कारोबार में मदद के ज़रिए लंबे वक़्त की तरक़्क़ी पर ध्यान देते हैं।
साफ़-सुथरे काम से भरोसा बनाना
हम अपने सभी कामों में पूरी साफ़-सुथराई के पाबंद हैं। दान देने वाले देख सकते हैं कि उनका चंदा कैसे इस्तेमाल होता है, जिससे पक्का भरोसा बनता है।
अच्छी तब्दीली लाना
हमारा मक़सद सिर्फ़ वक़्ती मदद देना नहीं है, बल्कि ऐसी पक्की तब्दीली लाना है जो ज़िंदगियाँ बदले और पूरे समाज को ऊपर उठाए।
हमारी बुनियादी क़दरें
सब्र (धीरज)
अपने नाम की तरह, हम अपने हर काम में सब्र रखते हैं, यह समझते हुए कि असल तब्दीली में वक़्त और लगन लगती है।
खिदमत (सेवा)
इंसानों की खिदमत ख़ुदा की खिदमत है। हम नेकनीयती से खिदमत करते हैं, मदद के हर काम को एक पाक फ़र्ज़ मानते हुए।
इंसानियत (मानवता)
हम पूरी इंसानियत को एक परिवार मानते हैं। हमारी खिदमत मज़हब, जात या फ़िरके की कोई हद नहीं जानती।
इस पाक मिशन में हमारे साथ जुड़ें
चाहे वॉलंटियर बनकर, दान देकर, या आगाही फैलाकर - हर छोटा योगदान हमें सदियों पुरानी खिदमत की रिवायत को जारी रखने में मदद करता है।